odisha me ghumne ki jagah – उड़ीसा भारत का पूर्वी राज्य जो बंगाल की खाड़ी के किनारे बसा हुआ है इससे पहले उड़ीसा के नाम से जाना जाता था लेकिन 2011 में इसका नाम आधिकारिक रूप से उड़ीसा कर दिया गया यह राज अपने संस्कृति विरासत ऐतिहासिक मंदिरों में प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है इसके अलावा उड़ीसा का पारंपरिक नृत्य और संगीत भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर है और यहां पर बोली जाने वाली भाषा ओड़िया है उड़ीसा राज्य का गठन 1 अप्रैल 1936 को हुआ था उड़ीसा में घूमने के लिए काफी सारी जगह हैं जिनमें जगन्नाथ पुरी का मंदिर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है इसके अलावा आप यहां चिल्का झील भी घूम सकते हैं जो भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है अगर आप उड़ीसा जाने की सोच रहे हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल में आखिर तक बने रहें क्योंकि हम हमारे इस आर्टिकल में आपको odisha me ghumne ki jagah से संबंधित सारी जानकारी हिंदी में उपलब्ध कराएंगे और बताएंगे उड़ीसा घूमने के लिए आप कौन-कौन सी जगह जा सकते हैं
1. भुवनेश्वर – odisha me ghumne ki jagah
भुवनेश्वर उड़ीसा की राजधानी है और भारत के पूर्व हिस्से में स्थित एक प्राचीन और राजनीतिकता का संगम वाला शहर है इसे मंदिरों के शहर के नाम से भी जाना जाता है यह शहर अपनी समृद्धि संस्कृति ऐतिहासिक विरासत और मंदिर के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है इसे मंदिर का शहर कहा जाता है क्योंकि 11 बी से 13 बी शताब्दी के बीच बने सैकड़ो मंदिर हैं इनमें कुछ मंदिर है जैसे लिंगराज मंदिर यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और भुवनेश्वर का सबसे प्रसिद्ध स्थल है इसकी स्थापना कालिंग शैली का उत्कर्ष उदाहरण दिखती है इसके अलावा मुक्तेश्वर मंदिर दसवीं शताब्दी का या छोटा लेकिन जटिलता से बना यह मंदिर अपनी सुंदरता को दिखलाता है राजा रानी मंदिर से प्रेम का मंदिर भी कहा जाता है अगर आप उड़ीसा घूमने के लिए जा रहे हैं तो आप उड़ीसा की राजधानी और एक खूबसूरत शहर घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए
2. 🛕 पुरी का जगन्नाथ मंदिर – odisha me ghumne ki jagah
पुरी का जगन्नाथ मंदिर भारत के सबसे पवित्र और तीर्थ स्थान में से एक है जो उड़ीसा के puri शहर में स्थित है यह मंदिर भगवान जगन्नाथ श्री कृष्णा के भाई बलराम और बहन सुभद्रा को समर्पित है इसे चार धाम बद्रीनाथ द्वारका रामेश्वर और पूरी में से एक माना जाता है यह वैष्णव संप्रदाय का प्रमुख केंद्र भुवनेश्वर है पूरी की दूरी भुबनेश्वर से लगभग 60 किलोमीटर है और यहां से सड़क या रेल मार्ग से काफी आसानी से पहुंचा जा सकता है मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में गंग वंश के राजा ने करवाया था इसे पूर्ण करने में कई पीढ़ियां लगी भगवान जगन्नाथ को वेदों का स्वामी माना जाता है और उनकी मूर्तियां लकड़ी से बनाई गयी है और मंदिर काफी ज्यादा खूबसूरत है और इस मंदिर में प्रति वर्ष रथ यात्रा निकाली जाती है जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं अगर आप पूरी घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो जरूर जाएं क्योंकि यहां पर आपको अलग लेवल का एक्सपीरियंस होने वाला है
3.🏞️ चिल्का झील – odisha me ghumne ki jagah
चिल्का झील एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है जो उड़ीसा में पूरी से लगभग 50 किलोमीटर पर भुवनेश्वर से 100 किलोमीटर दूर स्थित है यह एक लघु है जो बंगाल की खाड़ी से जुड़ा है इस झील का क्षेत्रफल लगभग 1100 बर्ग किलोमीटर है और यहां पर आपको कई सारे प्रवासी पक्षी देखने को मिल जाते हैं जैसे फ्लेमिंगो साइबेरियन क्रेन और डॉल्फिन मछलियां भुबनेश्वर से आप सड़क मार्ग से या दो से तीन घंटे में काफी आसानी से पहुंच सकते हैं और नवंबर से फरवरी के बीच जहां पर प्रवाशी पक्षी देखे जाते हैं यहां पर आप वोटिंग भी कर सकते हैं और पिकनिक और फोटोग्राफी के लिए भी यह जगह काफी अच्छी मानी जाती है
4. 🏖️ गोपालपुर और पुरी बीच – odisha me ghumne ki jagah
यह उड़ीसा के गंजम जिले में एक सुपर शांत और खूबसूरत बीच है जो बंगाल की खाड़ी के किनारे है और भुवनेश्वर से करीब 175 किलोमीटर और पूरी से 400 किलोमीटर दूर है यहां आपको साफ सुनहरी रेट देखने को मिलती है और नारियल के पेड़ और सुबह और शाम का नजारा यहां का काफी खूबसूरत रहता है यहां पर भीड़ काफी कम रहती है अगर आप भीड़भाड़ से दूर कोई अच्छा जगह ढूंढ रहे हैं तो आपके लिए यह जगह काफी अच्छी होने वाली है पहले अंग्रेजों का यह बंदरगाह हुआ करता था लेकिन अभी के समय में यह मछुआरों का ठिकाना है अगर आप भुवनेश्वर घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको इस जगह घूमने के लिए भी जरूर जाना चाहिए यहां से 60 किलोमीटर दूर आपको जगन्नाथ पुरी देखने को मिलती है
5. कोणार्क सूर्य मंदिर – odisha me ghumne ki jagah
कोणार्क सूर्य मंदिर की बात करें तो कोणार्क मंदिर पुरी से लगभग 35 किलोमीटर और भुवनेश्वर से 65 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी के किनारे बना हुआ है इस जगह को विश्व वेरी तेज साइट का दर्जा भी मिला हुआ है यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है इस मंदिर को विशाल रथ की तरह बनाया है जिसमें 12 जोड़ी पहिए हैं 6 मीटर ऊंचे और सात घोड़े भगवान के रथ को खींचते दीखते हैं इस मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में गंग वंश के राजा नरसिंह देव ने करवाया था पत्थरों पर बारीक नाका काशी देखते नहीं बनती अगर आप उड़ीसा घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको यह मंदिर देखने के लिए अभी जरूर जाना चाहिए
उड़ीसा घूमने के लिए कब जाएं – odisha me ghumne ki jagah
अगर आप उड़ीसा घूमने के लिए जा रहे हैं तो आप उड़ीसा अक्टूबर से मार्च के बीच जाएं क्योंकि यह महीना सर्दी का होता है और यहां का टेंपरेचर सर्दी में 15 से 30 डिग्री के बीच रहता है ना ज्यादा गर्मी रहती है ना उमस रहती है इसके अलावा अगर आप जून और जुलाई के बीच जाते हैं तो आपको गर्मी देखने को मिलेगी लेकिन भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा इसी समय निकली जाती है बारिश के मौसम में भी आप यहां पर जा सकते हैं क्योंकि बारिश के मौसम में भी यहां का टेंपरेचर 30 डिग्री तक रहता है और लोग चारों तरफ आपको हरियाली देखने को मिलती है
निष्कर्ष – odisha me ghumne ki jagah
दोस्तों हमने हमारे इस आर्टिकल में आपको उड़ीसा घूमने के बारे में विस्तार से बताया है अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल उड़ीसा में घूमने की जगह अच्छा लगता है और इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको समझ आ गया है कि हम उड़ीसा घूमने के लिए कब जा सकते हैं तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल odisha me ghumne ki jagah कैसा लगा धन्यवाद
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